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लेखनी कविता -17-Feb-2022 (मन मे विश्वास )

थोड़ी सी कोशिश और कर तू रुक क्यो जाता है
मन मे दृढ़ संकल्प रख चल तू रुक क्यो जाता है
मन मे विश्वास है तो फिर सफलता मिलेगी तुझे
यू कुछ कदम चलकर फिर तू रुक क्यो जाता है 

मन रूपी आंधी मन रूपी सागर में तैरना सिख
मिलेगी कामयाबी पर इसमें तू डूब क्यो जाता है।

तरक्की के मूल मंत्र मन मे विश्वास परिश्रम धैर्य
स्मृति दक्षता संयम रख पीछे तू रह क्यो जाता है।


©® प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला - महासमुन्द (छःग)

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1 Comments

Seema Priyadarshini sahay

17-Feb-2022 05:48 PM

बहुत खूब

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